कोरोना-2 से कब मिलेगी मुक्ति??? कब आएगा कोरोना-3???


जय श्री राम ………   आदरणीय मित्रो ………… दुनिया में कोरोना की दूसरी लहर आ चुकी है| इसने जिस तरह की विभीषिका मचायी है, वह समूची मानव-जाति के लिए अत्यन्त है| हमने 28 अप्रेल, 2021 की रात्रि 9:12 से 9:47 बजे के अपने facebook live में इसकी विस्तार से चर्चा की है| हम पहली लहर के बारे में भी पूर्ण तरह सही ठहरे थे| 8 जून, 2020 को अपने facebook live में हमने कहा था कि नवम्बर, 2020 में कोरोना का दूसरा रूप या कोरोना जैसी कोई और महामारी या सकती है| कोरोना की यह दूसरी लहर नवम्बर, 2020 में ही पैदा हुई है| हमारा यह वीडियो फेसबुक और यूटयूब पर उपलब्ध है|  हमने कोरोना-1 के बारे में भविष्यवाणी करते समय यह बात विस्तार से बतायी थी कि कोरोना का संबंध अंक 3, अंक 5 और अंक 9 से है| अंक 3 और अंक 5 मिलकर प्रसार करवाते हैं| अंक 3 वायु का है और अंक 5 प्रसार की बात करता है|  वर्ष 2019 में चलित में 21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक जब अंक 9 था और 21 नवंबर से 20 दिसंबर 2019 तक अंक 3 था;  तब यह कोरोना वायरस उत्पन्न हुआ| वहाँ वर्षांक भी 3 था| इसके इस दूसरे रूप में भी अंक 3 व अंक 5 की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता|  एक विशेष ध्यान दिये जाने वाली बात यह है कि वर्ष 2020 में जो कोरोना की लहर आयी, उसमें अधिकतर लोग बुख़ार या खांसी-जुकाम से पीड़ित होकर कोरोना का ग्रास बनते थे, जबकि कोरोना की इस दूसरी लहर में श्वास संबंधी समस्या सबसे बड़ी समस्या है|  जिस मरीज को देखो, वही ऑक्सीजन की कमी की समस्या से जूझ रहा है|  अधिकतर मरीजों के प्राण भी इसी कारण से जा रहे हैं|  इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि कोरोना की पहली लहर की प्रचंडता का वर्ष था 2020| इस वर्ष का मूलांक बनता था 4, जो कि रक्त का अंक है|  कोरोना की कोई भी लहर हो; भले ही वह पहली थी अथवा अभी दूसरी हो अथवा आगे भी कोई जो आएगी;  इस संदर्भ में अंक 7 अर्थात् केतु की विशिष्ट भूमिका है| अंक 7 वर्ष 2020 के स्वामी अंक 4 के साथ मिलकर रक्त संबंधी समस्या उत्पन्न करता था अंक 4 रक्त का है और अंक 7 पानी का|  इन दोनों की युति से रक्त पतला होता है| इस कारण अंक 4 के स्वामित्व वाले वर्ष 2020 में कोरोना  रक्त से संबंधित स्वरूप में अधिक भयानक था|  तब रक्त से संबंधित समस्याओं के रूप में ही बुखार आता था और मरीज कोरोना की जकड़ और पकड़ में आ जाता था|  वर्ष 2021 का स्वामी अंक 5 है|  यह बुध का है|  यह अंक श्वसन तंत्र और फेफड़ों का प्रतिनिधि है|  अंक 3 के साथ अंक 5 का यह योग श्वसन तंत्र अथवा फेफड़ों से संबंधित समस्या के विस्तार और प्रसार को सूचित करता है|  इस कारण वर्ष 2021 में कोरोना वायरस के मरीजों की समस्या श्वसन तंत्र और फेफड़ों से संबंधित है|  यहाँ यह बात विशेष ध्यान दिये जाने वाली है कि 21 दिसम्बर, 2020 से 20 जनवरी,  2021 तक चलित में अंक 8 (ओज) था, जबकि 21 जनवरी, 2021 से 20 फरवरी, 2021 तक चलित में अंक 8 (सौम्य) था|  21 फरवरी से चलित में अंक 3 का आगमन होता है|  20 मार्च तक यह चलता है और उसके बाद 1 महीने अर्थात् 20 अप्रैल तक अंक 9 चलता है|  पिछले वर्ष भी इन्हीं 2 अंकों ने कोरोना के मामले में क़हर बरपाया था और इस बार भी इन्हीं 2 अंकों ने क़हर बरपाया है|  21 फरवरी के बाद ही कोरोना का तेज़ी से विस्तार शुरू हुआ है|  अंक 3 अंक 9 की अवधि समाप्त होने के बाद अर्थात् 20 अप्रैल के बाद चलित में अंक 6 और उसके बाद अंक 5 आता है|  अंक 6 21 अप्रैल से 20 मई रहता है|  अंक 6 अंक 4 का विरोधी अंक है| अंक 4 की कोरोना के मामले में विशेष भूमिका पहली लहर में  भी थी,  दूसरी लहर में भी है और तीसरी लहर में भी रहेगी|  इस कारण 1 अप्रैल से ही वैसे तो कोरोना के केस में भयानक वृद्धि आरंभ हो गयी क्योंकि अप्रैल का अपना अंक 4 है, किंतु इन केस में 21 अप्रैल के बाद एक विशेष दुर्भाग्यपूर्ण बात देखने में आती है|  कोरोना के इस चरण के मामले में चाहे इंजेक्शन रेमडीसीवर की कालाबाजारी हो,  चाहे ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी,  चाहे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी हो अथवा अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड की कालाबाजारी हो; सब के सब मामले 20 अप्रैल के बाद से ही अधिक सामने आ रहे हैं| इसका कारण यह है कि अंक 6 अंक 4 का विरोधी अंक है|  अंक  6  शुक्र का प्रतिनिधि है|  अंक 6 अर्थात् धन  की अंक 4 अर्थात् राहू  के साथ विरोधी युति से धन सम्बन्धी भ्रष्टाचार पनपता है|   21 अप्रैल से चलित में अंक 6 के  आते ही अंक 4 के सहयोग से ऐसे धन सम्बन्धी भ्रष्टाचार के मामले बहुत बुरी तरह उछल-उछल कर सामने आने लगे| 

         अब बात करते हैं कि कोरोना का यह मामला कहाँ जाकर धीमा पड़ेगा और कहाँ जाकर हमें इससे मुक्ति मिलेगी?  जैसा कि हमने पहले भी कहा है कि कोरोना के मामले में अंक 7 की भूमिका बहुत विशेष है|  अंक 7 केतु अर्थात् पानी का है|  कोरोना का  यह जबरदस्त स्वरूप ठंडा पड़ने के लिए अंक 7 का सशक्त होना आवश्यक है|  अंक 7 बरसात से ही सशक्त हो सकता है|  इस मौसम में अनियमित बरसात की बात और है, किंतु नियमित बरसात तो मानसून में ही आएगी|  21 मई से 20 जून तक अंक 5 है जो कि इस वर्ष का स्वामी भी है और यह अंक ऑक्सीजन संबंधी मामलों से कोरोना वायरस के मरीजों के मरने में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है| इस कारण यह मानकर चलना चाहिए कि 20 जून तक तो ऐसे मामले में परेशान करेंगे| चूँकि 31 मई तक मासांक भी 5 है| इस कारण मासांक, चलित अंक और वर्षांक, तीनों ही में अंक 5 होने के कारण यह स्थिति लगभग बुरी जैसे ही रहेगी| 1 जून से 20 जून तक मासांक 5 की अपेक्षा 6 हो जाएगा| ऐसे में कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है| यह राहत चिलचिलाती धूप में कुछ छींटों के समान ही होगी|  21 जून से चलित में अंक 2 व 7 आते हैं|  यह दोनों स्त्री अंक है|  यहाँ से अंक 7 अर्थात् बरसात की भूमिका आरंभ हो जाती है|   लगभग इसी समय मानसून मध्य भारत के आसपास पहुँचता है|  वैसे मानसून मई महीने के अन्त अथवा जून महीने के आरम्भ में केरल के तटीय क्षेत्रों में आ जाता है, किंतु मानसून को परवान चढ़ने अर्थात् मध्य भारत के आसपास पहुँचते-पहुँचते जून मध्य का समय हो जाता है|  यह समय अंक ज्योतिष के अनुसार वही 20 जून के बाद अर्थात् 21 जून के आसपास बैठता है| इसके बाद भारत वर्ष में मानसून प्रबल होता जाता है|  चलित में भी अंक 2 व 7 21 जून से आरंभ होते हैं, जो कि 20 जुलाई तक चलते हैं|  21 जुलाई से 20 अगस्त तक चलित में अंक 1 व 4 आ जाते हैं| जुलाई महीने के कारण 21 जुलाई से 31 जुलाई तक अंक 7 रहता है| अतः आकलन यह कहता है कि 21 जून से आगे बढ़ते जाने पर हमारे देश में कोरोना  का ग्राफ बराबर गिरता जाएगा और यहां से हमें से मुक्ति मिलनी आरंभ हो जाएगी|  जैसे-जैसे मानसून अपना उठाव लेगा व आगे बढ़ेगा, उसी प्रकार से कोरोना का उसी के अनुपात में अंत होता जाएगा और मानसून विदा होते-होते कोरोना से हमारा देश लगभग राहत पा लेगा और जीवन की गाड़ी एक बार फिर से जनवरी-फरवरी   2021 की तरह पटरी पर आ जाएगी हमारी भारतीय भौगोलिक परंपराओं के अनुसार मानसून की जनक वर्षा ऋतु अर्थात चतुर्मास (जिसे चौमासा भी कहते हैं)  देवोत्थान एकादशी तक रहता है| इस बार देवोत्थान एकादशी मध्य नवंबर के आसपास पड़ रही है|  इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि कोरोना कम-अधिक रूप में इस वर्ष के नवंबर तक  तो रहेगा| 

         अब जहाँ तक इसके तीसरे स्वरूप की बात है, तो उसके मामले में भी अंक 3 व अंक 8 की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहेगी| अगले वर्ष 2022 का अंक 6 है| यह भ्रष्ट होता है अंक 8 की संगत में|   21 दिसंबर से 20 फरवरी 2022 तक चलित में अंक 8 रहेगा|  यह वह समय है कि जब कोरोना वायरस का तीसरा रूप या लहर दुनिया के किसी हिस्से में पैदा होगी और आगे से आगे फैलेगी|  जहाँ तक हमारे देश में कोरोना की तीसरी लहर के प्रकोप की बात है, तो उसके लिए फिर 3 तीन की प्रभावी भूमिका रहेगी अर्थात् वर्ष 2022 में 21 फरवरी से आगे का समय कोरोना की तीसरी लहर के प्रकोप का है| इसे ध्यान में रखते हुए हमें पहले से ही इसके बचाव के लिए समुचित उपाय व प्रबंध कर लेने चाहिए| 

                अब अनुमति दीजिए| ………… आज के आनन्द की जय ……… जय श्री राम|

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असम के मुख्यमन्त्री हेमंता बिस्वासरमा अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएँगे


 जय श्री राम ……… आदरणीय मित्रो, आपकी सेवा में एक बार पुनः उपस्थिति हैं| अभी हम चर्चा करेंगे अपनी सटीक ठहरी भविष्यवाणी की| हमारी ‘कृपात्रयी’ (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) और हमारी कुलदेवी माँ हिंगलाज भवानी की कृपा से असम से संबंधित भविष्यवाणियों के क्रम में आइए अब बात करते हैं इस राज्य के नव पदस्थापित मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा की| भारतीय जनता पार्टी के शासन के पहले कार्यकाल में सर्वानंद सोनोवाल ने मुख्यमंत्री पद का दायित्व निभाया, किंतु पार्टी के दूसरे कार्यकाल में अर्थात वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में विजय के पश्चात पार्टी ने सोनोवाल की अपेक्षा हेमंता बिस्वासरमा को अपना नेता चुना और उन्हें मुख्यमंत्री बनने का अवसर दिया है| हेमंता बिस्वासरमा ने जिस मुहूर्त में शपथ ग्रहण की है, वह मुहूर्त अच्छा है| हमने वर्ष 2021 के नव वर्ष के भविष्यवाणी के वीडियो के क्रम में दिनांक 08 जनवरी, 2021 को you tube पर डाले भारतीय जनता पार्टी के बारे में वीडियो में भविष्यवाणी की थी—“असम में यदि विधानसभा चुनाव में विजय के पश्चात भारतीय जनता पार्टी सर्बानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री बनाती है तो वे मुख्यमंत्री के रूप में 5 साल पूरे करेंगे, किंतु यदि ऐसा नहीं होता है तो यह विधानसभा कम से कम 2 मुख्यमंत्री देखेगी|” इसका तात्पर्य यह हुआ है कि हेमंता बिस्वासरमा मुख्यमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएँगे| यद्यपि  बिस्वासरमा ने जिस मुहूर्त में शपथ ग्रहण की है, हमने  इस मुहूर्त को लेकर भी सुझाव दिया था| फर्स्ट इंडिया न्यूज़ चैनल को दिनांक 9 मई, 2021 को दिए गए साक्षात्कार में हमने यह कहा था कि यदि विश्वास शर्मा 11 मई, 2021 (मंगलवार) को दोपहर में 10:30 से 1:30 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करते हैं तो उनका कार्यकाल तो हालाँकि पूरा नहीं होना है, किंतु जितना भी कार्यकाल रहेगा; वह यशदायी रहेगा| उतना कार्यकाल भी उन्हें प्रतिष्ठा अवश्य देगा|  हम आज इस पोस्ट में उस चैनल को दिये अपने साक्षात्कार की उस भविष्यवाणी में यह जोड़ रहे हैं कि शुभ मुहूर्त में ली गयी शपथ के कारण से बिस्वासरमा का यह कार्यकाल इनके लिए अवसानकारी नहीं रहेगा| जब भी इनके मुख्यमंत्री पद की बलि चढ़ेगी अर्थात इनका मुख्यमंत्री पद छिनेगा तो यह शुभ मुहूर्त में ली गई शपथ इनका राजयोग बनाए रखेगी| तात्पर्य यह है कि किसी न किसी रूप में बिस्वासरमा का राजयोग बना रहेगा|  तब यह हो सकता है कि इन्हें राज्य से हटा कर  केंद्र में मंत्री पद दे दिया जाए| इसके अलावा यह भी संभव है कि उन्हें संगठन के स्तर पर कोई महत्वपूर्ण पद मिले, किंतु इसमें भी संगठन की अपेक्षा सत्ता में भागीदारी के योग प्रबल है अर्थात मंत्री पद पर विराजमान होने के योग प्रबल हैं| 

मिलते हैं अगली पोस्ट में एक और भविष्यवाणी की चर्चा के साथ| ………. जय श्री राम| 

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असम भारतीय जनता पार्टी में उथल-पुथल : कब होगी? क्या होगा तब?


जय श्री राम ……… आदरणीय मित्रो, आपकी सेवा में एक बार पुनः उपस्थिति हैं| अभी हम चर्चा करेंगे अपनी सटीक ठहरी भविष्यवाणी की| हमारी ‘कृपात्रयी’ (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) और हमारी कुलदेवी माँ हिंगलाज भवानी की कृपा से आपके समक्ष असम के सन्दर्भ में भारतीय जनता पार्टी के बारे में एक ख़ास भविष्यवाणी क्र रहे हैं| भारतीय जनता पार्टी ने असम विधानसभा के हालिया चुनाव में पूर्ण बहुमत वाळी एक तगड़ी विजय प्राप्त की है और यह विजय इस राज्य में पार्टी के आत्मविश्वास को सातवें आसमान की तरफ ले गयी है| दिनांक 9 मई, 2021 रविवार को फर्स्ट इंडिया न्यूज़ चैनल को दिए गए फोनों साक्षात्कार में हमने असम में भारतीय जनता पार्टी को लेकर भविष्यवाणी पर कुछ बातें कहीं| वही बातें यहाँ इस पोस्ट में रख रहे हैं| भारतीय जनता पार्टी और असम के अंकों के साथ वर्तमान विधानसभा के अंकों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो यह बात देखने में आती है कि अप्रैल, 2023 से मई, 2024 अर्थात इस अवधि के जो 13 महीने हैं, इनमें असम भाजपा में बहुत बड़ी उठापटक देखने को मिल सकती है| यहाँ तक कि पार्टी की सरकार भी गिर सकती है या फिर पार्टी टूट भी सकती है तात्पर्य यह कि उक्त अवधि में पार्टी का कोई बड़ा नेता या कुछ उल्लेखनीय महत्वपूर्ण नेता पार्टी छोड़ सकते हैं और पार्टी तोड़ सकते हैं भारतीय जनता पार्टी के लिए उक्त समय यानी अप्रैल, 2023 से मई, 2024 का समय संकट का काल होगा और इसे लेकर प्रादेशिक नेतृत्व और राष्ट्रीय नेतृत्व को संभल कर काम करना चाहिए| 

असम से संबंधित एक और विशिष्ट भविष्यवाणी हम लेकर आ रहे हैं आपके लिए हमारी अगली पोस्ट में, प्रतीक्षा कीजिए| ……… जय श्री राम

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सर्वानंद सोनोवाल का राजयोग : अब केंद्र में


जय श्री राम ……… आदरणीय मित्रो, आपकी सेवा में एक बार पुनः उपस्थिति हैं| अभी हम चर्चा करेंगे अपनी सटीक ठहरी भविष्यवाणी की| हमारी ‘कृपात्रयी’ (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) और हमारी कुलदेवी माँ हिंगलाज भवानी की कृपा से हम अपनी अगली भविष्यवाणी के साथ उपस्थित हैं|

 असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के साथ बड़ी विचित्रता हुई| भारतीय जनता पार्टी ने हालांकि असम में विधानसभा चुनाव में फिर से विजय प्राप्त की, किंतु सर्वानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया| उनकी अपेक्षा हेमंता बिस्वासरमा को मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया गया और बिस्वासरमा असम के मुख्यमंत्री बने| यहाँ सभी के मन में एक प्रश्न सामान्य रूप से उठता है कि क्या सर्वानंद सोनोवाल का राजनीतिक भविष्य समाप्त हो गया है? अब उनका क्या होगा? हमने इस मामले में गणना की, जिसे अब आपके सामने इस पोस्ट में बात रखने जा रहे हैं| यह बात हमने फर्स्ट इंडिया न्यूज़ चैनल को दिनांक 9 मई, 2021 (रविवार) को दिये गये फ़ोनो-साक्षात्कार में कही है| सर्वानंद सोनोवाल के अंक इस चलित में केंद्रीकृत है| केंद्रीकृत अंको का तात्पर्य यह है कि इनकी दिशा राज्य से केंद्र की ओर| वर्ष 2016 में सर्वानंद सोनोवाल के अंक विकेंद्रीकृत थे अर्थात उनकी दिशा केंद्र से राज्य की ओर थी| उन विकेंद्रीकृत अंकों के प्रभाव के कारण सर्वानंद सोनोवाल तब केंद्र से राज्य में गये| अब वर्तमान में केंद्रीकृत अंकों के प्रभाव के कारण सर्बानंद सोनोवाल राज्य से केंद्र में आएँगे|  इसका तात्पर्य यह हुआ कि सोनोवाल केंद्र सरकार का हिस्सा बनेंगे| यदि केंद्र सरकार के गठन के अर्थात नरेंद्र मोदी की इस सरकार के शपथ लेने के अंकों और सर्बानंद सोनोवाल के अंकों को हम समीचीन रूप में तुलनाकृत स्वरूप में देखें तो यह गणना सामने आती है कि 20 अगस्त, 2021 तक सर्वानंद सोनोवाल के केंद्र सरकार में मंत्री पद प्राप्त करने के प्रबल योग हैं|  विस्तारित रूप में ये योग हालांकि 20 नवंबर तक चलेंगे, पर फिर भी 20 अगस्त 2021 तक सोनोवाल केंद्र सरकार में मंत्री पद पर विराजमान हो जाएँ तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए | मिलते हैं अगली पोस्ट में एक और भविष्यवाणी की चर्चा के साथ| ……… जय श्री राम| 

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असम में मुख्यमन्त्री-पद को लेकर विचित्रता : हमारी भविष्यवाणी सही साबित


जय श्री राम ……… आदरणीय मित्रो, आपकी सेवा में एक बार पुनः उपस्थिति हैं| अभी हम चर्चा करेंगे अपनी सटीक ठहरी भविष्यवाणी की| हमारी ‘कृपात्रयी’ (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) और हमारी कुलदेवी माँ हिंगलाज भवानी की कृपा से हमारी भविष्यवाणियों के सटीक ठहरने का क्रम जारी है| फर्स्ट इंडिया न्यूज़ चैनल को दिनांक 2 मई 2021 रविवार यानी कि मतगणना के परिणाम वाले दिन दिए गए साक्षात्कार में हमने असम को लेकर हमने यह भविष्यवाणी की थी—“यहाँ मुख्यमंत्री पद को लेकर विचित्र रह सकती है| यहाँ के निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल का मामला खतरे में है|”  इसका तात्पर्य था कि वे या तो विधायक का चुनाव हार सकते हैं और या फिर मुख्यमंत्री पद की दौड़ का चुनाव हार सकते हैं, और हुआ यही कि सर्वानंद सोनोवाल मुख्यमंत्री पद प्राप्त करने की दौड़ में हेमंता बिस्वासरमा से हार गये| हेमंता बिस्वासरमा भाजपा विधायक दल के नेता चुने गये यानि मुख्यमंत्री के लिए चुने गये और उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली| सर्वानंद सोनोवाल के लिए हमारी अगली महत्वपूर्ण भविष्यवाणी आपको एक अन्य पोस्ट में पढ़ने को मिलेगी| मिलते हैं अगली पोस्ट में एक और भविष्यवाणी की चर्चा के साथ| ………. जय श्री राम| 

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असम विधानसभा चुनाव-2021 : हमारी भविष्यवाणी सही साबित


 जय श्री राम ……… आदरणीय मित्रो, आपकी सेवा में एक बार पुनः उपस्थिति हैं| अभी हम चर्चा करेंगे अपनी सटीक ठहरी भविष्यवाणी की| हमारी ‘कृपात्रयी’ (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) और हमारी कुलदेवी माँ हिंगलाज भवानी की कृपा से हमारी भविष्यवाणियों के सटीक ठहरने का क्रम जारी है| असम विधानसभा चुनाव को लेकर हमारी भविष्यवाणी नितांत सटीक ठहरी| हमने अपने ब्लॉगों पर 5 अप्रैल, 2021 (सोमवार) की पोस्ट की भविष्यवाणी में इस राज्य के बारे में कहा था कि यहाँ भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन अर्थात भारतीय जनता पार्टी, यूपीपीएल और असम गण परिषद, इन तीनों का गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथपुनः सत्तासीन होने जा रहा है|कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को विपक्ष में रहकर ही संतोष करना पड़ेगा| हुआ भी यही कि भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला और उन्होंने सरकार बनायी, जबकि कांग्रेस के गठबंधन को दूसरे स्थान पर रहकर विपक्षी गठबंधन बनने मात्र पर संतोष करना पड़ा| मिलते हैं अगली पोस्ट में एक और भविष्यवाणी के सटीक ठहरने की चर्चा के साथ| ………. जय श्री राम| 

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तमिलनाडु विधानसभा चुनाव-2021 : हमारी भविष्यवाणी सही साबित


जय श्री राम ……… आदरणीय मित्रो, आपकी सेवा में एक बार पुनः उपस्थिति हैं| अभी हम चर्चा करेंगे अपनी सटीक ठहरी भविष्यवाणी की| हमारी ‘कृपात्रयी’ (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) और हमारी कुलदेवी माँ हिंगलाज भवानी की कृपा से हमारी भविष्यवाणियों के सटीक ठहरने का क्रम जारी है| हमने अपने ब्लॉगों पर 5 अप्रैल, 2021 (सोमवार) की पोस्ट की भविष्यवाणी यह कहा था कि हमनेइसराज्यकेलिएकहाथाकिअन्नाद्रमुक, भारतीयजनतापार्टीवउसकेसहयोगीदलकेगठबंधनकोसत्तानहींमिलेगी| अन्नाद्रमुककेहाथसेसत्ताछिनजाएगीऔर10 वर्षोंकेलगातारवनवासकेबादद्रमुकवउसकेसहयोगीदलोंकेगठबंधनकोसत्ताप्राप्तिहोगीतथाएम. के. स्टालिनइसगठबंधनकेमुख्यमंत्रीकेरूपमेंसत्ताकेशीर्षपरस्थापितहोंगे| देखा जा सकता है कि तमिलनाडु में यही हुआ| इस सुदूर दक्षिण के राज्य में विधानसभा चुनाव के बारे में हमारी भविष्यवाणी शत प्रतिशत सही ठहरी| वहाँ द्रमुक गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुआ है और अन्नाद्रमुक के गठबंधन को सत्ता से बाहर होना पड़ा है| एम. के. स्टालिन ने द्रमुक गठबंधन के मुखिया के रूप में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है| मिलते हैं अगली पोस्ट में एक और भविष्यवाणी के सटीक ठहरने की चर्चा के साथ| ………. जय श्री राम| 

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पुद्दुचेरी विधानसभा चुनाव-2021 : हमारी भविष्यवाणी सही साबित


जय श्री राम ……… आदरणीय मित्रो, आपकी सेवा में एक बार पुनः उपस्थिति हैं| अभी हम चर्चा करेंगे अपनी सटीक ठहरी भविष्यवाणी की| हमारी ‘कृपात्रयी’ (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) और हमारी कुलदेवी माँ हिंगलाज भवानी की कृपा से हमारी भविष्यवाणियों के सटीक ठहरने का क्रम जारी है| पुद्दुचेरी के बारे में की गयी हमारी भविष्यवाणी शत प्रतिशत सही रही| हमने अपने ब्लॉगों पर 5 अप्रैल, 2021 (सोमवार) की पोस्ट में इस केंद्र शासित प्रदेश के लिए यह भविष्यवाणी की थी कि यहाँ एन. आर. कांग्रेस के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी और अन्नाद्रमुक सत्ता में आएँगे| द्रमुक, कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों के मोर्चे को गठबंधन को सत्ता से वंचित रहना पड़ेगा| एन. आर. कांग्रेस भाजपा और अन्नाद्रमुक हमारे हिसाब से यहाँ 16 सीट जीत रहे थे, उन्होंने यहाँ 15 सीटें जीतीं| तीन विधायक इनके पास में मनोनीत रूप में है और इस तरह पुद्दुचेरी की सत्ता पर भाजपा समर्थक गठबंधन का कब्जा हुआ और एन. आर. कांग्रेस के मुखिया एन. रंगासामी ने एक बार फिर से पुद्दुचेरी के मुख्यमंत्री का ताज पहना| मिलते हैं अगली पोस्ट में एक और भविष्यवाणी के सटीक ठहरने की चर्चा के साथ| ………. जय श्री राम| 

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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव-2021: हमारी भविष्यवाणी सही साबित


जय श्री राम ……… आदरणीय मित्रो, आपकी सेवा में एक बार पुनः उपस्थिति हैं| अभी हम चर्चा करेंगे अपनी सटीक ठहरी भविष्यवाणी की| हमारी ‘कृपात्रयी’ (प.पू. गुरुदेव देवरहा बाबा, माँ बगलामुखी और घोटेवाले) और हमारी कुलदेवी माँ हिंगलाज भवानी की कृपा से हमारी भविष्यवाणियों के सटीक ठहरने का क्रम जारी है| हमने वर्ष 2021 की भविष्यवाणियों के वीडियो के क्रम में 08 जनवरी, 2021 को you tube पर पोस्ट किए अपने वीडियो में और अपने ब्लॉगों पर 5 अप्रैल, 2021 (सोमवार) की पोस्ट की भविष्यवाणी यह कहा था कि  वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस फिर से सत्ता पर कब्ज़ा करने जा रही है और इसकी मुखिया सुश्री ममता बनर्जी एक बार फिर से यानी कि लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रही हैं| हमारी यह भविष्यवाणी  शत प्रतिशत सही रही| हमने यह भी कहा था कि ममता बनर्जी के अंक कुछ ख़राब हैं और इसका ख़ामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा| यह सत्य सिद्ध हुआ, ममता बनर्जी अपना चुनाव हार गयीं, किन्तु चूँकि अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के अंक बहुत सशक्त और सुदृढ़ अवस्था में थे, इस कारण तृणमूल कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री के पद पर तो ममता बनर्जी ही काबिज़ हुईं| इस प्रकार हमारी एक और भविष्यवाणी सही सिद्ध हुई|  हमने पश्चिम बंगाल को लेकर सीटों की संख्या की भविष्यवाणी भी की थी| जैसा कि आप जानते हैं कि हमारी सीटवार जो गणना होती है, वह संबंधित सभी पक्षों के जन्म के अंकों पर आधारित होती है| यदि कभी संबंधित किसी भी व्यक्ति के या तो जन्मांक उपलब्ध नहीं होते हैं या फिर अधूरे उपलब्ध होते हैं तो उस अवस्था में गणना की सटीकता में अंतर आ जाता है| यह बात पश्चिम बंगाल की सीटवार गणना की हमारी भविष्यवाणी में भी देखने को मिली| कम्युनिस्ट पार्टियों के  प्रादेशिक नेताओं और इंडियन सेक्यूलर फ्रंट के मुखिया के जन्म के अंक हमें नहीं मिले| हमने इनके मात्र नामांक के आधार पर गणना की थी| ऐसे में सीटों की संख्या में अंतर आना स्वाभाविक था और वह आया भी, किंतु पश्चिम बंगाल राज्य के भाग्य में नेतृत्व-परिवर्तन अथवा शिखर-परिवर्तन नहीं लिखा था, इस कारण तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी पुनः सत्ता पर काबिज हो गयीं| मिलते हैं अगली पोस्ट में एक और भविष्यवाणी के सटीक ठहरने की चर्चा के साथ| ………. जय श्री राम| 

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